बालू खदान पर कारोबारियों ने बना डाले गहरे गहरे तालाब
बालू खदान पर कारोबारियों ने बना डाले गहरे गहरे तालाब

बालू खदान पर कारोबारियों ने बना डाले गहरे गहरे तालाब
स्योंढी के गाटा सं 520 में पट्टा नियमों के विपरीत गरज रही भारी भरकम मशीनें
दैनिक रिपब्लिक रैनैसां संवाददाता हरी सिंह वर्मा महोबा
पनवाड़ी/महोबा
थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम स्योंढी मौजा की निजी भूमि के गाटा संख्या 520 में एक बालू कारोबारी पट्टा नियमों को ताक में रखकर भारी भरकम मशीनों से बैखौफ होकर अवैध खनन कर रहा है। जागरुक ग्रामीणों ने जिलाधिकारी और खनिज अधिकारी से प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने की आशंका जताते हुए उक्त पट्टा की जांच कर कार्यवाही की मांग की है।
बता दें कि ग्राम स्योंढी मौजा के गाटा संख्या 520 में लाल सोने की ललक में धरती का सीना चीर खनिज नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सरकारी टेंडरों के माध्यम से थाना क्षेत्र के ग्राम स्योंढी मौजा में किसान की कृषि भूमि पर बालू की जमी परत को हटाकर कृषि योग्य बनाने के लिए बालू खनन का पट्टा स्वीकृत किया गया है। सरकारी नियमों के अनुसार बालू पट्टा क्षेत्रीय किसानों को देने का प्रावधान है. लेकिन इसका सीधा फायदा बालू माफिया उठा रहे हैं. क्योंकि भारी-भरकम नियमावली फाइलों के वजन को ढोने की कूवत भोले भाले किसानों में रह नहीं गई. अतः बालू माफिया नियमों को दरकिनार कर किसानों के पट्टे की जमीन पर पोकलैण्ड मशीनों से बालू खनन कर रहे हैं और राजस्व विभाग को प्रतिदिन लाखों का चूना लगा रहे हैं. बालू हटाकर कृषि योग्य समतल भूमि करने हेतु शासन द्वारा अनुमति दी गई जिस का भरपूर लाभ बालू ठेकेदार उठा रहे है. खनिजों को ताक पर रखकर खुलेआम भारी भरकम मशीनों का प्रयोग कर बालू निकाल रहे हैं. उक्त पट्टा पर तय मानक से अधिक गहराई से बालू का खनन किया जा रहा है. उक्त पट्टा के बालू कारोबारियो की पट्टा नियमों के विपरीत कार्य शैली का जागरुक ग्रामीणों ने बिरोध करते हुए जिलाधिकारी व खनिज अधिकारी से जांच कर कार्यवाही की मांग की है। जब इस वाबत खनिज अधिकारी से फोन पर बात करनी चाही तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।
ओवर लोडिंग से गांव की मुख्य सड़क हुई गायब
दोगुना मुनाफे की लालसा में गाटा संख्या 520 से निकलने वाली बालू को उक्त कारोबारी ओवरलोड ट्रकों में भरकर बाहर बेचने का काम कर रहे है।जिस कारण गांव की पक्की सड़क मिट्टी में मिल भारी भारी गड्ढों में तब्दील हो गई है। पढ़ने वाले बच्चों को विद्यालय जानें में भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य सड़क का आलम ये है कि कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को विद्यालय भेजना ही बंद कर दिया है। गांव के जागरुक ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों का ध्यान पानी और कीचड़ से लबालब गड्ढा युक्त सड़क की ओर आकृष्ट कराया है।
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