मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी ने 90 वर्षीय
मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी ने 90 वर्षीय

मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी ने 90 वर्षीय व्यक्ति की चलने की क्षमता को फिर से बनाया
90 साल के मरीज ने सफल कीहोल स्पाइन सर्जरी के बाद दर्द-मुक्त चलना शुरू किया
मुश्ताक अली/ब्यूरो चीफ रिपब्लिक रैनेसां
झांसी! स्पाइन स्कोलियोसिस एंड डिस्क रिप्लेसमेंट सेंटर के डॉक्टरों ने 90 वर्षीय मरीज की सफल कीहोल स्पाइन सर्जरी की, जिससे उनकी पुरानी पीठ दर्द की समस्या दूर हो गई। यह बुजुर्ग व्यक्ति 18 महीनों से अधिक समय से पीठ दर्द से पीड़ित थे, जो समय के साथ बढ़ता जा रहा था और उनके जीवन की स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा था। जब कई नॉन-सर्जिकल उपचारों से भी उनके दर्द में राहत नहीं मिली, तो डॉ. कुलकर्णी की मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी ने उनके जीवन में बदलाव ला दिया।
90 वर्षीय मरीज को गंभीर पैर दर्द और चलने में मुश्किलें थी। उनके लक्षण 18 महीने पहले शुरू हुए थे और धीरे-धीरे बढ़ गए थे। एमआरआई और रेडियोग्राफिक इमेजिंग ने उनके कमर के चौथे और पांचवें वर्टेब्रा (L4-5) के बीच गंभीर नस दबाव को दिखाया, जिससे लम्बर कैनाल स्टेनोसिस, जिसे स्पाइनल स्टेनोसिस भी कहा जाता है, का डायग्नोसिस हुआ। पेन किलर दवाओं, फिजियोथेरेपी, और एक्यूपंक्चर जैसी अनेक नॉन -सर्जिकल उपचारों का प्रयास करने के बावजूद, उनकी स्थिति बिगड़ती गई। चलते समय उन्हें पैरों में झनझनाहट, सुन्नता, भारीपन महसूस होता था
मुंबई स्पाइन स्कोलियोसिस एंड डिस्क रिप्लेसमेंट सेंटर के प्रमुख स्पाइनल सर्जन डॉ. अरविंद कुलकर्णी ने इस मामले के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, "यह सर्जरी मिनिमली इनवेसिव माइक्रो-ट्यूबलर डीकंप्रेशन कीहोल का उपयोग करके की गयी, जिससे पोस्टऑपरेटिव परिणाम पेनलेस रहा। उन्होंने उसी दिन चलना शुरू कर दिया और अगले दिन वाटरप्रूफ ड्रेसिंग के साथ डिस्चार्ज हो गए। उनके हाइपरटेंशन, डायबिटीज, पहले की हार्ट प्रोब्लेम्स और किडनी प्रोब्लेम्स के बावजूद, सर्जरी बेहद सफल रही, जो मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी के प्रभाव को दिखाता है। कीहोल स्पाइन सर्जरी के कई फायदे हैं, जैसे कि कम टिश्यू डैमेज, कम पोस्टऑपरेटिव दर्द, और तेज रिकवरी समय। यह तकनीक मरीजों को उसी दिन चलने और जल्दी डिस्चार्ज होने की अनुमति देती है, चाहे उनकी मेडिकल हिस्ट्री कितनी भी गंभीर क्यों न हो।
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