पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन केजीएमयू में फेफड़ों

पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन केजीएमयू में फेफड़ों

Aug 1, 2024 - 10:58
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पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन केजीएमयू में फेफड़ों
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पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन, केजीएमयू में फेफड़ों के कैंसर के सभी वर्गों के रोगियों को विश्व स्तरीय निदान और उपचार -
प्रोफेसर (डॉ.) वेद प्रकाश

रामकृष्ण मिश्रा / ब्यूरो रिपब्लिक रैनैसां

लखनऊ। विश्व फेफड़े के कैंसर दिवस की स्थापना के पूर्व दिवस पर प्रो० (डा०) वेद प्रकाश, विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी एवं किटिकल केयर मेडिसिन, केजीएमयू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विश्व फेफड़े के कैंसर दिवस की स्थापना फेफड़ों के कैंसर की व्यापकता और प्रभाव पर वैश्विक ध्यान दिलाने के लिए की गई थी। इस दिन को पहली बार 2012 में फोरम ऑफ इंटरनेशनल रेस्पिरेटरी सोसाइटीज (एफआईआरएस) और इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लंग कैंसर (आईएएसएलसी) के बीच सहयोग के माध्यम से मान्यता दी गई थी। तब से, यह 1 अगस्त को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण वैश्विक कार्यक्रम बन गया है। विश्व फेफड़े के कैंसर दिवस 2024 का विषय है क्लोज द केयर गैप : एवरीवन डिजर्व्स एक्सेस टू केंसर केयर। यह विषय इस तथ्य पर जोर देता है कि फेफड़े का कैंसर वंचित समुदायों को असमान रूप से प्रभावित करता है। सभी के लिए सस्ती और सुलभ फेफड़ों के कैंसर की जांच, निदान और उपचार के विकल्प सुनिश्चित करके, हम देखभाल के अंतर को समाप्त कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हर किसी को फेफड़ों के कैंसर से लड़ने का उचित मौका मिले।प्रोफेसर (डॉ.) वेद प्रकाश ने बताया कि फेफड़ों का कैंसर दुनिया भर में दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है, पूरे विश्व में वर्ष 2020 में फेफड़े के कैंसर के 22 लाख नये मरीजों का पता चला है। स्तन कैंसर दुनिया भर में सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। भारत में स्तन, मुंह और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के बाद फेफड़ों का कैंसर चौथा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है। प्रो० (डा०) वेद प्रकाश ने आगे बताया कि फेफड़ों के कैंसर का प्राथमिक कारक धूम्रपान है, जो लगभग 85 प्रतिशत मामलों में योगदान देता है। अन्य कारकों में निष्क्रिय धूम्रपान, रेडॉन गैस, एस्बेस्टस और अन्य पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आना एवं आनुवांशिक कारक शामिल है। फेफड़ों का कैंसर भारत में सबसे आम कैंसरों में से एक है। भारत में फेफड़ों के कैंसर के इलाज की लागत सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी सहित व्यापक देखभाल के लिए औसतन यह 5 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक हो सकती है। इस प्रेस कांफ्रेंस में प्रो० राजेन्द्र प्रसाद भूतपर्व डायरेक्टर वी०पी०सी०आई०, प्रो० आर०ए०एस० कुशवाहा, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, प्रो० विजय कुमार, सर्जिकल अंकोलॉजी विभाग, प्रो० राजीव गुप्ता, रेडियेशन आंकोलॉजी विभाग, प्रो० शैलेन्द्र कुमार, थोरैसिक सर्जरी विभाग, डा० चंचल राणा अपर आचार्य पैथोलॉजी विभाग, डा० शिव राजन, अपर आचार्य, सर्जिकल अंकोलॉजी विभाग, डा० इशा जफा, सहायक आचार्य मेडिकल अंकोलॉजी, डा० सचिन, डा० अरिफ, डा० अतुल, डा० मृत्युंजय, डा० अनुराग, डा० दीपक, डा० शुभ्रा, डा० संदीप, डा० अपर्णा इत्यादि लोग सम्मिलित हुए।

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