मंदिर में ढोल बजाने नहीं पहुंचा दलित परिवार बहिष्कार का फरमान

मंदिर में ढोल बजाने नहीं पहुंचा दलित परिवार, बहिष्कार का फरमान

Jul 22, 2024 - 18:41
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मंदिर में ढोल बजाने नहीं पहुंचा दलित परिवार  बहिष्कार का फरमान
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मंदिर में ढोल बजाने नहीं पहुंचा दलित परिवार, बहिष्कार का फरमान


धर्मेंद्र कुमार /रिपब्लिक रेनेसां संवाददाता

चमोली /उत्तराखंड : जाति है की जाती नहीं । खबर उत्तराखंड के चमोली जिले के एक गांव पंचायत का है जहां पर पंचायत ने एक दलित व्यक्ति के बीमार होने के कारण मंदिर में ढोल बजाने नहीं पहुंच पाया। इससे गांव के कुछ लोग इस कदर नाराज हो गए की पंचायत बुलाकर गांव के दलित परिवारों का बहिष्कार करने का फरमान सुना डाला। यह गांव जो कि भारत चीन सीमा के पास नीति घाटी स्थित सुभाई गांव का मामला है। जहां पर पंचायत ने दलित परिवारों के बहिष्कार की घोषणा की।
भारत चीन सीमा पर स्थित इस सुभाई गांव में अनुसूचित जाति के करीब छह परिवार रहते हैं। जिनकी कई पीढ़ियां गांव में होने वाले सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक उत्सवों में ढोल बजाती रही हैं। लेकिन इस बार अनुसूचित जाति के पुष्कर लाल को एक धार्मिक आयोजन में ढोल बजाने के लिए पहुंचना था, किंतु पुष्कर बीमार होने के कारण ढोल बजाने नहीं आ सका, इसके बाद गांव की पंचायत बुलाई गई और पूरे दलित समुदाय के सामाजिक बहिष्कार का फरमान जारी कर दिया गया।
पंचायत का एक वीडियो जो की काफी वायरल हो रहा है इस वीडियो में कथित तौर पर एक व्यक्ति को बहिष्कार की घोषणा करते हुए दिखाया गया है जिसमें वह कह रहा है कि आदेश का पालन नहीं करने पर परिणाम भुगतने की धमकी देता हुआ देखा गया है।

क्या कहा गया है आदेश में

पंचायत के द्वारा जारी हुए इस फरमान में अनुसूचित जाति के परिवारों पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। पंचायत के आदेश में कहा गया है की अनुसूचित जाति के परिवारों को गांव में जंगल और जल संसाधनों का उपयोग करने दुकानों से आवश्यक सामान खरीदने वाहनों में आने-जाने और मंदिरों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पीड़ित परिवारों ने जोशीमठ पुलिस थाने मैं शिकायत दर्ज कराई है जिसमें रामकृष्ण खंडवाल और यशवीर सिंह नाम के दो व्यक्तियों पर आदेश जारी करने का आरोप लगाया गया है।

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