शर्मनाक : झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मासूम की मौत

शर्मनाक : झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मासूम की मौत

Jul 14, 2024 - 11:38
 0  126
शर्मनाक : झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मासूम की मौत
republic renaissance

 परिजनों ने हंगामा कर कार्रवाई की करी मांग

अदीब शौकत/संवादाता रिपब्लिक रेनेसां

फतेहपुर :  एक बार फिर से झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मासूम की मौत का मामला सामने आया है। जहां पर डॉक्टर पर बच्चे को गलत इंजेक्शन देने का आरोप लगा है। परिजनों का कहना है कि गलत इंजेक्शन देने से बच्चे के शरीर में इंफेक्शन फैल गया और थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई। फिलहाल बच्चे की मौत के बाद परिजनों और स्थानीय निवासियों ने डॉक्टर के क्लीनिक के बाहर जमकर हंगामा किया और मामला दर्ज कर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बाराबंकी जनपद के मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के पथरापुर गांव के रहने वाले राजेश कुमार पुत्र ब्रह्मदिन अपने बेटे आर्यन का इलाज कराने को लेकर फतेहपुर की फूल गली स्थित डॉ॰ पी जे सहगल के क्लीनिक पहुंचे, जहां पर कल बच्चे को सुबह भर्ती कर दिया गया। पीड़ित पिता का आरोप है कि शाम 5:00 बजे के बाद उसके बच्चे आर्यन के शरीर पर काले रंग के चकत्ते पड़ने लगे जिसकी शिकायत उसने डॉक्टर से की तो डॉक्टर ने बच्चे को उसके साथ क्लीनिक से बाहर निकाल दिया और उसकी किसी बात पर ध्यान नहीं दिया। थोड़ी ही देर में उसके बेटे आर्यन की मौत हो गई। मासूम आर्यन की मौत के बाद पूरे परिवार में मातम छा गया और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। पूरे मामले में पिता राजेश और परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर सहगल द्वारा बच्चों को गलत इंजेक्शन दिया गया। जिसके चलते उसके शरीर में इन्फेक्शन फैल गया और जब इसकी शिकायत डॉक्टर से और उनके स्टाफ से की गई तो इलाज के बजाय बच्चे और उसके पिता को क्लीनिक से बाहर निकाल दिया गया। बच्चे आर्यन की मौत के बाद आज परिजन और ग्रामीण डॉक्टर की क्लीनिक के बाहर पहुंचे और वहां पर जमकर हंगामा किया है। परिजनों की मांग है कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए। उसे जेल भेजा जाए। उधर हंगामा देख डॉक्टर मौके से फरार हो गया। फिलहाल पुलिस मौके पर है। और परिजनों को समझा बुझाकर मामला शांत करने का प्रयास कर रही है। फिलहाल झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मौत का यह पहला मामला नहीं है। लेकिन समस्या यह है कि अगर कहीं पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सीएचसी है भी तो या तो वहां डॉक्टर की तैनाती नहीं है। और अगर डॉक्टर तैनात भी हैं। तो अस्पताल में मिलते नहीं जिसके चलते बीमार और तीमारदार अक्सर झोलाछाप डॉक्टर का सहारा लेते हैं, और अपनी जान गवातें हैं। फिलहाल देखने वाली बात यह होगी कि आखिर स्वास्थ्य विभाग इस मामले पर क्या कदम उठाता है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow